Friday, April 12, 2019

एक मुकाम चाहती हूं ।

एक मुकाम चाहती हूं

अपना एक मुकाम चाहती हूं,
दुसरो के लिए नहीं,
खुद अपने लिए जीना चाहते हूं।
यहां कोई किसी के काम नहीं आते,
स्वार्थ बस सब रिश्ता निभाते।
जीवन में कुछ ऐसा बनना है,
क्योंकि दुसरों की नहीं,
खुद की सुनना हैं।

                       - प्रीती द्विवेदी

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