Sunday, April 14, 2019

मुस्कान

ऊपर से हंसती हूं तो क्या,अंदर से टूट चुकी हूं।
तेरे खातिर मैं अपना सब कुछ भूल चुकी हूं।
     
                                                    - प्रीती द्विवेदी

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