Sunday, April 14, 2019

दुनिया के नियम

मुझे लौटा दो मेरा बचपन,
जहाँ  महसूस होता था एक अपनापन,
बिना चिंता के काम किया करती थी,
क्योंकि माँ-बाप पर निर्भर रहा करती थी |
बड़ी होकर दुनिया के नियम है नज़र आते,
रिश्ते तक खोखले है ये बनाते,
काम रहने तक साथ है निभाते,
और काम हो जाने के बाद गायब ये हो जाते |

                                                                   - प्रीती द्विवेदी 

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दुनिया के नियम

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